गुरु शिष्य परम्परा का पर्व “गुरु पूर्णिमा महोत्सव“ सिद्धपीठ भूमा निकेतन, हरिद्वार में जगद्गुरु शंकराचार्य द्वारका शारदा पीठाधीश्वर स्वामी अच्युतानन्द तीर्थ जी महाराज की पावन अध्यक्षता में प्रारम्रभ हुआ। सर्व प्रथम जगद्गुरु शंकराचार्य जी ने अपने सद्गुरुदेव भगवान ब्रह्मलीन स्वामी भूमानन्द तीर्थ जी महाराज की चरण पादुकाओ का पूजन किया उसके बाद उनकी मूर्ति का दूध, गंगाजल, पुष्प व अन्य दिव्य पदार्थों से अभिषेक किया। जगद्गुरु शंकराचार्य जी महाराज ने उनकी प्रतिमा को नये वस्त्र पहनाकर पुष्प, रुद्राक्ष व दिव्य रत्नों की माला पहनायी।
गुरु-शिष्य की परम्परा के अनुसार गुरु पूर्णिमा को शिष्य अपने गुरु से आशीर्वाद प्राप्त करते है उसी परम्परा का पालन करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद श्री मनोज तिवारी जी ने अपने गुरु जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अच्युतानन्द तीर्थ जी महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया। आशीर्वाद प्राप्त करने के बाद उन्होंने अपने अनुभव को उपस्थित सभी भक्तजनों को बताते हुए कहा मैं महाराजश्री से सर्वप्रथम श्रद्धेय ब्रह्मलीन स्वामी भूमानन्द तीर्थ जी महाराज के श्रद्धांजलि समारोह जो बनारस सन् 1991 में मनाया गया था, में मिला था उस समय मैं एक साईकिल भी नही खरीद सकता था परन्तु जगद्गुरु शंकराचार्य जी महाराज के आशीर्वाद से आज मेरे पास पद एवं प्रतिष्ठा सभी है।
गुरु-शिष्य की परम्परा के अनुसार गुरु पूर्णिमा को शिष्य अपने गुरु से आशीर्वाद प्राप्त करते है उसी परम्परा का पालन करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद श्री मनोज तिवारी जी ने अपने गुरु जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अच्युतानन्द तीर्थ जी महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया। आशीर्वाद प्राप्त करने के बाद उन्होंने अपने अनुभव को उपस्थित सभी भक्तजनों को बताते हुए कहा मैं महाराजश्री से सर्वप्रथम श्रद्धेय ब्रह्मलीन स्वामी भूमानन्द तीर्थ जी महाराज के श्रद्धांजलि समारोह जो बनारस सन् 1991 में मनाया गया था, में मिला था उस समय मैं एक साईकिल भी नही खरीद सकता था परन्तु जगद्गुरु शंकराचार्य जी महाराज के आशीर्वाद से आज मेरे पास पद एवं प्रतिष्ठा सभी है।